Sunday, September 26, 2010

Shahid Bhagat Singh

जूनून -ए -आज़ादी सबके खून में नहीं होती ,

यू शहादत को पाने की आरजू सब नहीं होती !

गरम खून का दावा तो हर जवान करता है ,

उबला ला सके लाखो में वो गर्मी सब में नहीं होती !

आजाद -ए -हिंद की आज़ादी की लड़ाई तो याद होगी आपको ,

फिर भगत सिंह की सालगिरह क्यों याद नहीं रहती !

यु तो जशन-ए -आज़ादी कई बार मनाई है ,

क्या कभी किसी को शहीद-ए-आज़म की याद आइ है !

जब भी लगे इंक़लाब का नारा ये शहीद याद रखना

यू तो जाने वाले वापस नहीं आते ,

पर हर इंक़लाब में भगत सिंह को जिन्दा करना !!!!!

-आज़म खान


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