Friday, September 24, 2010


पहली नजर में ही उनकी तस्वीर दिल में उतर गई ,

अब तो इश्क की सुरुआत जो हो गई !

मेरे गुलाबो को उनकी किताबो में जगह मिल गई ,

अब तो ये उनकी इजहारे मोहब्बत की अदा हो गई !

जिन राहो से तनहा गुजरते थे उनसे तन्हाई खो गई ,

अब तो ता उम्र साथ रहने की जुर्रत जो हो गई !

चलते चलते साथ में कई ख्वाहिसे जी गई ,

अब तो ख्वाबो में भी मिलने की इजाजत मिल गई !

हर जगह वो हमें दिखने लगे ये तो दीवानगी हो गई ,

अब तो फुर्सतो में भी मशरूफियत हो गई !

एक सुबह से शाम हो गई और वो हमे मिलना भूल गई ,

अब तो इंतजार की हद हो गई !

कई राते कई दिन गुजर गए कही वो बेवफा तो नहीं हो गई ,

अब तो दिल टूटना था कुछ खबर ऐसी मिल गई !

दुनिया की रिवायतो को निभाते हुए वो किसी और की हो गई ,

अब तो समझ अ गया क्यों ज़ारा वीर से जुदा हो गई !

वीर ज़ारा की तरह हमारी दास्ताँ भी सिर्फ अल्फाजो में सिमटी रह गई ,

अब तो सिर्फ कहानिया है सच्ची मोहब्बते जो ख़तम हो गई !!!

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