
तेरी मेरी वो बाते
वो अनबन और लड़ने के बहाने
वो पुरानी साइकल
Second Hand किताबे
छोटी जो हो जाती shirt
तो तुझे fit हो जाती !
तू छोटा भाई जो है
तेरी हर खता माफ़ हो जाती
कहीं नासमझी में छुप जाती !
कितना तुझे सताया
कभी बातो से
तो कभी हाथो से मारा
फिर तुझे चुप करने
आंसू पोंछने भी तो आया !
बड़े होने का गुरुर है मुझे
जो तुझ जैसा छोटा भाई पाया
ये उम्र में बड़ा होना ही है
जो तुझे प्यार दुलार दिखा न पाया !
जन्मदिन पे तेरे, दुआ मेरी खुदा तक जाए
तेरे दिल की हर आरजू कुबूल हो जाए !
आज़म खान
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