Tuesday, September 20, 2011

क्या अलीशा की अम्मी वापस आएंगी!

सलामवालेकुम,
सलाम करने से अल्ल्लाह खुश होते हैं और नेकियाँ भी मिलती हैं.
अम्मी कहती हैं अल्लाह सारे गुनाह माफ़ कर देते है. रोज़े और इबादत के बाद तो अल्लाह बहुत खुश होते हैं, सारी दुआएं कबूल कर लेते है. जब मैं छोटी थी तब से हर साल रोज़ा रक्खा है, रोज नमाज भी पढ़ती हूँ. लेकिन फिर भी अल्लाह मेरे एक गुनाह को माफ़ नहीं करते. अम्मी से बद्तमीजी की, एक दिन सलाम करना भूल गई और अल्लाह नाराज हो गए अम्मी भी नाराज हो गई.

अम्मी बताया करती थी की ईदगाह के पास वाली जमीं उन्हें नसीब होती है जिन्हें अल्लाह अपने घर बुला लेते हैं. मैंने अम्मी को वह भी ढूंडा वहां भी अम्मी नहीं मिली. 17 सितम्बर को मेरा happy birthday आता है, इसी दिन हमारे गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेंदर मोदी जी का भी happy birthday आता है. मैं ग्यारह साल की हो गई हूँ.
मैं दो साल की थी जब अम्मी मुझसे नाराज होकर चली गई और फिर कभी नहीं लौटी.

मुझे अब भी याद है अम्मी मुझे सीने से लगाकर कोने में छुपी हुई थी. कुछ लोग न जाने क्यों हमारे घर पर पत्थर फेक रहे थे, सारे शीशे तोड़ दिए. अगर मैं ऐसा करती तो अम्मी बहुत नाराज होती लेकिन अम्मी उस दिन कुछ बोल ही नहीं रही थी. उन लोगो ने हमारा घर जला दिया मुझे न जाने क्या हुआ और मैं सो गई. और जब आंख खुली तो अम्मी नहीं थी. उस दिन मैं अम्मी को सलाम करना भूल गई थी और बिना सलाम किये ही सो गई,अम्मी नाराज होकर चली गई फिर कभी नहीं लौटी. मेरी सफ़ेद फ्रांक पर कुछ खून के दाग लग गए थे उस दिन, पता नहीं कहा से लगे, छुटते ही नहीं. ये फ्रांक अब छोटी हो गई है और पुरनी भी. ये फ्रांक मुझे मेरी अम्मी ने आखरी बार पहनाई थी. मेरी अम्मी की आखरी निशानी है बाक़ी सब तो आग में जल दिया गया. कैसे भी कर के ये दाग छूट जाए तो मेरी फ्रांक पहले जैसी हो जाएगी, लेकिन ऐसा कभी नहीं होगा. अम्मी लौट आए इस लिए मैं हर साल happy birthday वाले दिन रोज़ा रखती हूँ इस बार मोदी जी ने भी रोज़ा रखा है. उन्होंने कहा पूरा गुजरात उनका परिवार है.
अब अल्लाह मेरे गुनाह को माफ़ कर देंगे और मेरी अम्मी भी लौट आएगी.
लेकिन उन लोगो का गुनाह तो मुझसे भी बड़ा हैना जिन्होंने हमारा घर जलाया था. फिर तो अल्लाह उनसे भी नाराज हुए होंगे!
आप सब लोग अपनी अम्मी को सलाम जरुर कीजिये नहीं तो अल्लाह नाराज होंगे.